Sixth Floor: A Haunted story of building [In Hindi]: यह कहानी लगभग 5-6 साल पहले की है। मेरा एक सबसे अच्छा दोस्त था जिसका नाम देबा था, हम दोनों बचपन के दोस्त थे और स्कूल में भी साथ पढ़ते थे।
जहाँ हमारा घर था, उसके सामने एक बड़ा खाली मैदान हुआ करता था। उस जमीन पर केवल एक इमारत थी, वह भी पूरी नहीं हुई थी।
कहा जाता है कि जब भवन का निर्माण हो रहा था, तब भवन के मालिक की बेटी ने स्वयं भवन से छलांग लगा दी थी। उस समय से, उस स्थान पर अजीब अजीब हरकतें शुरू हो गई थीं।
इसलिए उस इमारत के मालिक ने इमारत को अधूरा छोड़ दिया और उसे किसी और को बेच दिया। नए मालिक ने वो बिल्डिंग पूरी बनवायी, लेकिन बिल्डिंग बनाने के दौरान भी लोग बताते हैं की वहां अजीब अजीब से घटनाएं होती थी |
Sixth Floor: A Haunted story of building [In Hindi]
जैसे की कई बार लोगो को पुराने मालिक के बेटी दिख जाती थी कभी कभी, या फिर किसी को अचानक पीछे से झटका लगता है।
एक बार एक मजदूर रात को अकेले सफाई कर रहा था, उसे उसी मंजिल के ऊपर फर्श पर देखा गया। उस लड़की की आंख नहीं थी, और उसके सिर से खून निकल रहा था।
ये देख के वो बहुत डर गया और वहां से भाग निकला, अगले दिन उसने सबको ये बात बताई, और बहुत तेज बुखार भी हो गया था, आपबीती बताने के कुछ घंटो बाद हे वो मजदूर मर गया |
मैं और मेरे दोस्त अक्सर उस बिल्डिंग में उतरते थे। हम दोनों हंसी मजाक करते हुए वहीं बैठे रहे। एक दिन मैंने अपने दोस्त से बात की, चलो छठी मंजिल पर चलते हैं जहाँ से लड़की कूदि थी, मेरे दोस्त ने मुझसे साफ़ मना कर दिया, मैने भी उसका थोड़ा मजाक उड़ाया ये बोल के की तू तो डरपोक है, फिर थोड़ी देर बाद हम अपने अपने घर चले गए |
अगले दिन मेरे दोस्त देबा ने मुझे फोन किया और मुझे उसी इमारत के नीचे आने को कहा। उसने मुझे वहाँ बुलाया और जहाँ जाना था वहाँ से चल दिया। मैं बिल्डिंग के नीचे पहुँच गया। कोई बहब नहीं था। मैं वहां पर मौजूद एक दुक्का लोगो से पूछा की देबा कहाँ है तो उन्होंने बताय की वो तीसरी मजिल पे गया है,
मुझे थोड़ा अजीब लगा क्युकी एक दिन पहले ही उसने मुझे मना किया वहां जाने को, लेकिन मैंने सोचा, चलो देखते हैं, शायद वह ऐसा दिखने की कोशिश कर रही है जैसे उसे डर नहीं है।
खैर मैं तीसरी मंजिल पर पहुँच गया। फिर देखा कि डेबा एक कमरे के अंदर अपना सिर झुका रही थी। उसकी आँखें अजीब लग रही थीं।
Sixth Floor: A Haunted story of building [In Hindi]
उसने मुझसे वहां बैठने को बोला, मैं बैठ गया, उसने मुझे कहा की चलो छठी मंजिल पर चलते हैं, मैने उससे पूछा की कल तो तुम मना कर रहे थे वहां जाने को तो आज क्यों जा रहे हो, उसने बताया की आज उसका मन कर रहा है वहां जाने को और वो देखना चाहता है की वहां से कैसा लगता है,
मैं भी तैयार हो गया, और हम दोनों ऊपर जाने लगे सीढ़िओ से, आगे आगे वो था और पीछे पीछे मैं,
हम चौथी मजिल पर ही पहुंचे थे की जेब में रखा मेरा फ़ोन बजने लगा, मैने जेब से फ़ोन निकाला तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी, मेरे फ़ोन पर देबा की काल आ रही थी, जबकि देबा तो मेरे आगे आगे चल रहा था, मैने आगे चल रहे देबा से पूछा की उसका फ़ोन कहाँ है, उसने बताया उसकी जेब में, ये सुनकर मैं बहुत डर गया, मैंने उसको बोला की मेरी मम्मी की कॉल आ रही है और मुझे नीचे जाना पड़ेगा बात करने की लिए क्युकी यहाँ सिगनल नहीं आ रहे हैं, देबा मेरको ऊपर चलने की लिए फाॅर्स करने लगा, लेकिन मैं जल्दी से भाग के नीचे आ गया, नीचे आते ही मैं सीधा बिल्डिंग से बहार निकल गया, नीचे पहुंचते ही मैने देबा की काल उठायी, उसने मुझे पूछा की मैं कहाँ हूँ, मैने कहाँ बिल्डिंग की सामने, मैने उससे पूछा की वो कहाँ है, उसने कहा की वो भी बस पहुंच ही रहा है वहां घर से,
उसके पहुंचते ही मैंने उससे पूछा की क्या तुम मेरे साथ ऊपर नहीं गए थे ? उसने बताया की वो तो अभी ही पहुंचा हैं वहां तो मैने उसको पूरी बात बताई,
हम दोनों बहुत डर गए थे। हमने जल्दी से कुछ लोगों को इकट्ठा किया और उस व्यक्ति को ढूंढा जो वहां गया था, किसके लिए मुझे ले जा रहा था। लेकिन कोई भी हमें ऊपर नहीं मिला।….to be continue.
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